अवचेतन मन को साफ कैसे करें (How to clean Subconscious Mind in Hindi)
हम जानते है कि हमारा मन दो प्रकार का होता है - चेतन मन (Conscious Mind) और अवचेतन मन (Subconscious Mind)। हम अपनी इंद्रियों के द्वारा जो भी महसूस करते है वो विचार चेतन मन तक जाते है जबकि अवचेतन मन कल्पनवादी होता है। जिन विचारों को हमारा चेतन मन सच मानता है, केवल वे ही विचार अवचेतन मन तक जा पाते है। हमारे चेतन मन में एक दिन में हजारों विचार आते है लेकिन केवल कुछ ही विचार अवचेतन मन तक पहुँच पाते है और जो विचार अवचेतन मन तक पहुंचते है, वो आपके जीवन में प्रत्यक्ष प्रकट हो जाते है।इसीलिए आपने देखा होगा कि धनवान लोग और अधिक धनवान होते जाते है और जो अपनी गरीबी और अपनी परिस्थितियों को कोसते है, वो मेहनत करने के बावजूद भी आगे नहीं बढ़ पाते। इसी तरह, कुछ विद्यार्थी पढ़ाई तो बहुत करते है लेकिन फिर भी वे अच्छे मार्क्स नहीं लेकर आ पाते। इसका सीधा सा कारण है कि उनके मन में डर होता है कि कहीं वे अच्छे मार्क्स नहीं ला पाए तो या उनको विश्वास ही नहीं होता है कि वो अच्छे मार्क्स ला सकते है। आज हमारे जीवन में जो भी परिस्थितियाँ उनके जिम्मेदार हम स्वयं है क्योंकि हमने हमारे अवचेतन मन को संदेश ही इसी प्रकार के पहुंचाए है।
अवचेतन मन एक ऐसी उपजाऊ मिट्टी है, जहां हम जिस प्रकार के भी विचार रूपी बीज बोते है, उसी प्रकार के पौधे हमे प्राप्त होते है। यदि आप यहाँ कांटे बोते हो तो आपको काँटों की फसल प्राप्त होगी और यदि आप यहाँ किसी फल के बीज बोते है तो आपको वो फल का पौधा भी अवश्य प्राप्त होगा। सबसे बड़ी जानने योग्य बात ये है कि अवचेतन मन काँटों और फलों में अंतर नहीं कर पाता तो ये नहीं जानता कि आपके लिए क्या सही है और क्या गलत है। इसीलिए अवचेतन मन तक आपका जो भी विचार रूपी आदेश पहुंचता है, वो बस उस आदेश का पालन करता है और आपको परिणाम देता है।
अब कुछ लोग जिन्हे नकारात्मक परिणाम मिल रहे है तो उनका सवाल होता है कि अवचेतन मन को साफ कैसे करें? मेरे अनुभव से मैँ बताऊँ तो ये बहुत ही बच्चों जैसा सवाल है। ये सवाल इस तरह का है कि जैसे कि मेरे खाना खाने के तरीके को कैसे भूलाया जाए या मेरे चलने के तरीके को कैसे भूलाया जाए? ये प्रायोगिक तौर पर बिल्कुल संभव नहीं है। लेकिन यदि आपको अपने भोजन करने का तरीका पसंद नहीं है तो आप इसे बदल सकते है और हो सकता है कि नए तरीके को पूरी तरह अपनाने के बाद आप पूरा तरीका भूल जाए। इसी तरह, यदि आपको अपने चलने का तरीका पसंद नहीं है तो आप कोशिश करिए नया तरीका अपनाने की और जब आप पूरी तरह नए तरीके में ढ़ल जाएं तो संभवतया आप पुराने तरीके को भूल जाए। यदि आप नहीं भी भूलेंगे तो भी आपको अब इससे कोई परेशानी नहीं होने वाली है।
इस प्रकार, आपको अपने अवचेतन मन को साफ करने की आवश्यकता नहीं है। आपको बस इस तक नए सकारात्मक विचार पहुँचाने की जरूरत है, दूसरे शब्दों में कहूँ तो री-प्रोग्राम करने की जरूरत है। जब आप अपने पुराने नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों में बदल देंगे तो धीरे-धीरे नकारात्मक विचार अपने चले जाएंगे और आपके अवचेतन से वो नकारात्मक विचार साफ हो जाएंगे। आइए मैँ आपको कुछ तरीके बताती हूँ जिनसे आप अपने अवचेतन मन को री-प्रोग्राम कर सकते है -
1. नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों के साथ बदल दीजिए
जब भी आपके मन में कोई नकारात्मक विचार आए तो तुरंत उसे सकारात्मक टिप्पणी के साथ बदल दीजिए। नकारात्मक विचारों का हटाने का केवल एक ही तरीका है कि उन्हे सकारात्मक विचारों के साथ बदल दिया जाएं। यदि आप सोचेंगे कि मुझे इस नकारात्मक विचार पर ध्यान नहीं देना है, दरअसल उस समय भी आप उस नकारात्मक विचार के बारे में ही सोच रहे होते है। आपने कई बार अनुभव किया होगा कि जिस चीज या घटना के बारे में हमें डर होता है और हम बिल्कुल भी नहीं चाहते है कि ऐसी अप्रिय घटना हो लेकिन फिर भी वो हो जाती है। इसका कारण ये था कि हमने उस अप्रिय घटना पर इतना अधिक विचार किया था कि वो विचार हमारे अवचेतन मन तक पहुँच गया और सच हो गया।यदि आप कोई अप्रिय घटना नहीं चाहते और कहते है कि "ये घटना घटित नहीं होगी"। इस समय भी आप उस घटना के होने पर ही ध्यान केंद्रित कर रहे है और उस घटना को आमंत्रित कर रहे है। अवचेतन मन "नहीं" जैसा कोई भी शब्द नहीं जानता। यह बस आपकी भावनाओं और मानसिक कल्पना द्वारा उस संदेश को पहचानता है। तो इस प्रकार यदि आप चाहते है कि वो घटना न हो और आप नकारात्मक भावनाएं महसूस कर रहे है तो तुरंत सकारात्मक टिप्पणी जैसे कि "हम सब बहुत खुश है। हम जीवन का पूरा आनंद ले रहे है। हम सब पूरी तरह स्वस्थ है।" या किसी और अपनी मनचाही सकारात्मक टिप्पणी के साथ इसे बदल दीजिए। अपनी टिप्पणी को पूरी खुशी और सकारात्मकता के साथ महसूस करिए। इससे उस नकारात्मक विचार का कोई अस्तित्व ही नहीं रहेगा।
यदि आप कुछ दिनों तक कोशिश करेंगे तो आपको याद रखने की भी आवश्यकता नहीं होगी कि आप अपने नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों में बदले। आप केवल सकारात्मक ही सोचने लगेंगे और आपको बाहरी दुनियाँ में इसका असर भी जरूर दिखाई देगा।
2. रोजाना ध्यान करें
वैज्ञानिक शोधों के अनुसार, 24 घंटों में मनुष्य मस्तिषक में 60 हजार से अधिक विचार आते है और इनमे से अधिकतर विचार नकारात्मक होते है। इन विचारों की संख्या को हम रोजाना ध्यान (Meditation) करके कम कर सकते है। रोजाना ध्यान करने से हमारे विचारों पर हमारा नियंत्रण बढ़ता है और मन शांत रहता है।आप प्रतिदिन कम से कम 10 मिनट ध्यान अवश्य करें। ध्यान करना कोई बहुत बड़ा विज्ञान नहीं है। यहाँ मैँ आपको ध्यान का बहुत आसान तरीका बता रही हूँ।
सबसे पहले किसी शांत वातावरण में पालथी लगाकर बैठ जाइए या आप किसी कुर्सी पर भी बैठ सकते है किन्तु आपकी रीढ़ की हड्डी बिल्कुल सीधी होनी चाहिए। अब गहरी श्वास अंदर लें और पूरी तरह से बाहर निकालिए। आप 5 से 10 बार ऐसा करिए। इसके बाद आप अपनी साँसों को सामान्य कर लीजिए और प्रत्येक अंदर आती हुई तथा बाहर जाति हुई श्वास पर ध्यान दे, उन्हे महसूस करे। आपको कम से 10 मिनट तक ऐसा करना है, उसके बाद अपनी दोनों हथेलियों को आपस में रगड़े तथा अपनी आँखों और चेहरे पर लगाए।
इस प्रकार यदि आपका चेतन मन शांत और खुश होगा तो अवचेतन मन तक भी शांति और खुशी का ही संदेश जाएगा और आपका अवचेतन मन भी आपके जीवन में ऐसी ही परिस्थितियाँ लेकर आएगा, जिनसे आपकी शांति और खुशी में वृद्धि हो।
3. रोजाना Affirmations बोले
आप रोजाना सकारात्मक Affirmations बोलने की आदत बनाइये। Affirmations आपके चेतन मन को एक नई सकारात्मक दिशा देती है। आप जानते है कि जो विचार बार-बार चेतन मन में दोहराते है वो अवचेतन मन तक पहुँच जाते है।आपका अवचेतन मन रात को सोने से वक्त तथा सुबह उठने के बाद सर्वाधिक सक्रिय होता है क्योंकि इस समय चेतन मन निष्क्रिय सा ही होता है। यदि आप सुबह उठने के तुरंत बाद और रात को सोने से ठीक पहले Positive Affirmations बोलें तो ये अवचेतन मन तक शीघ्रता से पहुँच जाती है।